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I am Subodh Yadav, founder/President of Uttar Pradesh Police Association.

29/07/2018

"खाकी ने अपने प्राण तक न्याैछाबर कर दिये "

29  जुलाई  , 2017 - गत वर्ष 4 अपराधियों से लड़ कर वीरगति पाने वाले UP पुलिस के जांबाज़ सिपाही सतीश यादव को बलिदान दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।💐💐💐💐💐💐💐💐

यदि किसी राज्य की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में और समाज में सुरक्षा और शांति की भावना स्थापित करने में सबसे ज्यादा योगदान होता है तो वो होता है वहां की पुलिस का, उत्तर प्रदेश में जिस कानून के राज की चर्चा होती है उसको कायम करने में उत्तर प्रदेश की पुलिस का सिर्फ पसीना ही नहीं बल्कि खून ही बहा है। इसके जीवंत उदाहरण सब इंस्पेक्टर सहजोर सिंह, सब इंस्पेक्टर जय प्रकाश सिंह, सिपाही अंकित तोमर और आज अमरता को प्राप्त करने वाले कांस्टेबल सतीश यादव हैं.. अपने कर्तव्य को अपने प्राणों से भी ऊपर रख कर इन वीरों ने समाज को खुशहाली दे कर खुद ओढ़ लिया कफन...😢

आज चर्चा हो रही है उत्तर प्रदेश के आगरा पुलिस की.. गीता के जिस श्लोक "परित्राणाय साधूना, विनाशाय च दुष्कृताम" को प्रभु श्री कृष्ण हजारों वर्ष पहले उपदेश दे कर गये थे उसी सिद्धांत को एक अपने खुद के अंतर आत्मसात कर के "आगरा के पुलिस बल ने जिसमे सतीश यादव भी थे", उन उन इलाकों में न्याय, नीति और कानून का शासन स्थापित किया जहाँ कभी अपराधी ने अपना सर उठाना चाहा था। ये घटना रात की है जब आगरा गहरी नींद में सो रहा था क्योकि उसको पता था कि उसके रक्षक बाहर सडको पर जाग कर उनकी रक्षा कर रहे हैं और ये सच भी था क्योकि उसी समय सतीश यादव बाहर सूनसान गलियों में 3 अपराधियों से एक साथ भिड़ा था।

ये घटना आज की थी अर्थात 29 जुलाई की और स्थान था, आगरा का एत्माद्दौला क्षेत्र का प्रकाशपुरम, इस इलाके में चोरी की बदनीयती से घूम रहे चार बदमाशों को सिपाही सतीश यादव और कुलदीप ने घेर लिया था। साक्षरता से दूर ये सभी आरोपी दिन में मजदूरी करते थे और रात में चोरी करते थे, इनकी 25 से 30 साल के बीच थी। तड़के सुबह 4.20 पर सिपाही सतीश चन्द्र यादव और कुलदीप गश्त खत्म कर टेढ़ी बगिया पुलिस बूथ पर अपने हथियार रख फ्रेश होने जा रहे थे। टेढ़ी बगिया 100 फुटा रोड पर उन्हें काली पल्सर पर चार बदमाश दिखे तो उन्हें टोका। इस पर बदमाशों ने बाइक यू टर्न कर प्रकाश पुरम के रास्ते पर खड़ी कर दी और उतरकर गली की तरफ भागे। यह देख दोनों सिपाहियों ने दौड़ाकर एक-एक बदमाश को पकड़ लिया। सतीश ने बदमाश से तमंचा भी छीन लिया।

अपने साथी को घिरते देख दूसरे बदमाश ने सतीश यादव को दो गोलियां मारी दीं। जिससे सतीश वहीं गिर पड़े। ये देख साथी सिपाही कुलदीप दबोचे गए बदमाश को छोड़ सतीश के पास पहुंचे। उधर बदमाश भाग निकले। बाद में कुलदीप ही घायल सतीश को बाइक पर लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक काफी रक्त स्राव होने के चलते सतीश यादव अमरता को प्राप्त हो चुके थे। सतीश मूल रूप से अलीगढ के रहने वाले थे। आज एक वर्ष होने पर सतीश यादव को आज उनके बलिदान दिवस अर्थात 29 जुलाई को बारम्बार नमन और वन्दन करते हुए उनकी यशगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प  लेते है, साथ ही समाज से अपेक्षा करते है पुलिस वालों के प्रति अपने नजरिये में एक सकारत्मक बदलाव का जो उनकी रक्षा के लिए हर तकलीफ खुद पर झेलते हैं, सतीश यादव अमर रहें।

आपकी वीरगति को शत-शत नमन    !
                      
               

"भगबान एक फिर कैसे बन गये धर्म अनेक "

भगवान एक- फिर कैसे बन गए धर्म अनेक

यह प्रश्न सब के मन में उठता है की इतने सारे धर्मों की स्थापना कैसे हुई। जाति और धर्म के नाम पर अनेक संप्रदाय बन गये। अनेक धर्म भी बन गये। लेकिन वह एक भगवान कौन है जो हर जीव का उत्पत्ति करता है फिर चाहे वह इंसान हो या जानवर हो। सभी आत्माओ का जनक एक है जिसे प्राप्त करने के लिए किसी धर्म विशेष की अवश्यकता नही। हर धर्म अपने ईश्वर को सर्वोच्च और सृष्टिकर्ता मानता है लेकिन सच क्या है? मुस्लिमों का अल्लाह, खुदा सबसे बड़ा है या हिंदुओ का निराकार ब्रह्म? या फिर ब्रह्मा,विष्णु शंकर से बड़ा कोई नहीं है ? सिक्ख धर्म मे गुरु नानक जी को ही वाहेगुरु कहकर सर्वोच्च स्थान दिया गया है और ईसाइयो के लिए यीशु ही भगवान के बेटे है ? पर आखिर कौन है सबसे बड़ा ईश्वर और कितने है ईश्वर ?

इस रहस्य से परदा उठाने के लिए ही पूर्ण परमात्मा धरती पर सतगुरु रुप में अवतरित होते हैं या अपना अंश भेजते है। और वर्तमान में भी वही हुआ पूर्ण परमात्मा ने अपने अंश को एक महान संत के रुप मे भेजा है जिसने सर्व सदग्रंथ जैसे गुरुग्रंथ साहेब, वेद शास्त्र पुराण, कुरान शरीफ, बाईबल और भी अन्य धर्म जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म अदि सदग्रंथो की गहराई में ज्ञान का गोता लगाया और मालूम किया की पूर्ण भगवान तो सिर्फ एक ही है! जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा, हिन्दू,मुस्लिम, सिख्ख,ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा। तो आईये हम जानते है की कौन है वह सबसे बड़ा भगवान, जिसे चाहे अल्लाह कहो,सबसे बड़ा GOD कहो, सच्चा वाहेगुरु कहो या सबसे बड़ा भगवान कहो। आईये हम यह भी जाने की जब भगवान एक है तो फिर यह धर्मों का बंटवारा कैसे हुआ ।

दो शक्तियां- सत्य पुरुष और काल ब्रह्म

इस संसार में दो शक्तियां अपना अलग अलग कार्य कर रही है जिसमें एक “काल ब्रह्म” है! वेदांती उसे निराकार ब्रह्म भी कहते है। मुसलमान उसी को बेचुन(निराकार) अल्लाह कहते है। और ईसाई उसे Formless (निराकार) God कहते हैं।

यही है वो एक भगवान जो सबसे बड़ा है

दूसरी शक्ति “सत्य पुरुष” है जिसको गीता जी में परम अक्षर पुरुष, सच्चिदानंद घन ब्रह्म, दिव्य परम पुरुष, तत् ब्रह्म कहा है। असंख्य ब्रह्माण्डो में जितने भी प्राणी है यह सब सत्य पुरुष जी की आत्माएं हैं। जो सतलोक में रहते थे वहाँ से अपनी अल्प बुद्धि के कारण काल ब्रह्म के साथ यहाँ आ गए। वहाँ सतलोक मे सर्व सुख थे, ना वृद्ध अवस्था थी और ना ही मौत थी। पाँच तत्व का शरीर भी नहीं था! यह सृष्टि तो ऐसी ही है पाँच तत्व से बनी है लेकिन वहाँ सतलोक मे एक तत्व, नूर तत्व से बनी सृष्टि है। यहाँ नाशवान है वहाँ अविनाशी है। सत्य पुरुष स्वयं कबीर जी है। उनके शरीर का नाम कबीर है। वेदों ने इन्हे कविर्देव(कबीर) कहा है। कुरान शरीफ ने इन्हे कबिरन् खबिरन् अल्लाह अकबर कहा है! कबीर परमेश्वर जी चाहते है की सर्व जीव मेरे ज्ञान को समझे और मेरे द्वारा बताई शास्त्रानुकुल भक्ति साधना करे। इसलिए वह पूर्ण परमात्मा कबीर जी सतलोक से गति करके यहाँ आते हैं और अपनी आत्माओं को ज्ञान समझाकर काल ब्रह्म के जाल से परिचित कराते हैं।
क्योंकि काल ब्रह्म नहीं चाहता की किसी का भी मोक्ष हो और कोई भी प्राणी सतलोक जा सके।

काल ब्रह्म क्यों नही होने देना चाहता किसी का भी मोक्ष ?

काल ब्रह्म का राज्य इक्कीस ब्रह्मांड का क्षेत्र है जिसे काल लोक कहते हैं। इस काल ब्रह्म को एक लाख मानव शरीर धारी प्राणियों को नित्य आहार करने का श्राप लगा हुआ है जिस कारण ये अधुरा अध्यात्मिक ज्ञान तथा साथ बुराई जैसे माँस, तंबाखु, तीर्थ धाम आदि शास्त्र विरुद्ध साधना करवा कर जीव को मोक्ष नही होने देना चाहता है। जीव से तरह तरह पूजा पाठ व्रत उपवास कराकर एवं भुत प्रेत पुजवाकर जीवआत्माओ को भ्रमित रखता है, वेद, शास्त्रों और अन्य सदग्रंथो मे छुपी पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने की सही जानकारी से यह सर्व ऋषी मुनियों सहित सर्व शंकराचार्य, महामंडलेश्वरो को अनजान रखता है फिर पूर्ण परमात्मा का कोई अंश ही सतगुरु रुप मे आकर इस रहस्य को उजागर करके बताता है।
काल ब्रह्म चाहता है सारे प्राणी मेरे काल जाल मे ही फ़से रहे। बुराई करके पाप ग्रस्त होकर जन्मते मरते रहे। किसी को भी सतलोक का पता ना चले, मेरे तक के ज्ञान को ही माने। इसलिए परमेश्वर कबीर जी की आत्माओ मे से अच्छी आत्माओ को अपना पैगंबर अर्थात संदेशवाहक ग्यान देने के लिए भक्तिदुत बनाकर भेजता है। अपने काल जाल मे फसाये रखने वाला ज्ञान देता है जिससे जीव आत्माएं भ्रमित होकर देवी देवताओं की पूजा पाठ, तीर्थ धाम, दान, धर्म को ही मोक्षमार्ग समझ बैठती है और वास्तविक भक्ति विधि से वंचित रह जाती है इसी काल ब्रह्म ने बाबा आदम, हजरत दाऊद, हजरत मूसा, हजरत ईसा, हजरत मोहम्मद को तथा काल ब्रह्म के पुत्र ब्रहमा, विष्णु महेश एवं उनके अवतारों राम, कृष्ण, आदि शंकराचार्य, ऋषी मुनियों द्वारा अपना नकली प्रचार करा रखा है!
इस काल ब्रह्म ने अलग-अलग धर्मो का जाल फैलाया, बाबा आदम की संतान मे 1 लाख 80 हजार पैगम्बर। हिंदु धर्म के 88 हजार ऋषी तथा अन्य प्रचारक ये अच्छी तथा सच्ची निष्ठा वाले थे जिनको काल ब्रह्म ने अपना प्रचारक बनाया। ऋषियो ने पवित्र वेदो, पवित्र श्री मद् भगवद गीता तथा पुराणो के आधार से स्वयं भी साधना की तथा अपने अनुयाइयों को भी वही साधना करने को कहा। वेदो तथा गीता मे ग्यान तो श्रेष्ठ है परंतु अधुरा है। पुराण जो संख्या मे 18 है ये ऋषियों का अपना अनुभव तथा कुछ कुछ वेद ग्यान है तथा देवी देवताओ की जीवनी लिखी है।
चारों वेदो का ज्ञान काल ने सर्वप्रथम दिया था। चारों वेदो का ग्यान अर्थात संक्षिप्त रुप श्री मद् भगवद् गीता है।

किस तरह अलग-अलग जगह अलग-अलग ग्यान प्रचार किया जिससे अनेक धर्म बट गये।

उसके पश्चात दाऊद जी को जबुर किताब वाला ज्ञान दिया। इसमे सृष्टि की उत्पत्ति का आंशिक ग्यान दिया। इसके पश्चात मूसा जी को तौरेत वाला ज्ञान या तथा इसके पश्चात ईसा जी को इंजिल पुस्तक का ग्यान दिया। फिर बाद मे कुरान शरीफ वाला ज्ञान हजरत मोहम्मत जी को दिया। मूसा जी के अनुयाई यहुदी कहलाते है और ईसा जी के ईसाई।

यहां पर मुसलमानों का विधान गलत सिद्ध होता है।

मोहम्मद जी के अनुयाई मुसलमान कहलाते है। यह उपरोक्त सभी बाबा आदम को अपना प्रथम पुरुष अर्थात सब आदमियो का पिता मानते है। ये मानते है की जब तक सृष्टि चलेगी तब सर्व मानव मरते रहेंगे उनको कब्र में दबाते चलो। जिस समय कयामत (प्रलय) आयेगी उस समय सब व्यक्ति स्त्री पुरुष कब्र से निकलकर जीवित किये जायेंगे। उनके कर्मों का हिसाब होगा जिन्होने चार कतेबो (पुस्तको) मे लिए अल्लाह के आदेश अनुसार कर्म किये है वै जन्नत (स्वर्ग) मे रहेंगे। इसके पश्चात यहाँ की सृष्टि सदा के लिए नष्ट हो जायेगी। मुसलमानो का मानना है की कयामत(प्रलय) से पहले केवल निराकार प्रभु था अब जन्नत मे कोई नहीं है !यदि उपरोक्त बात सत्य है तो जन्नत मे हजरत मोहम्मद जी ने बाबा आदम, मूसा, ईसा, दाऊद, आदि की मंडली को देखा। उनको भी कब्र में रहना चाहिये था। इससे आप मुसलमानो का विधान गलत सिद्ध हुँआ। क्योंकि कब्र में रहने वाले जन्नत कैसे दिखने लगे।

वर्तमान मे कौन है धरती पर सत्यपुरुष का अंश

वह संत रामपालजी महाराज है जो पुर्ण परमात्मा के अंश बनकर आये है, एक संदेश वाहक के रुप मे जीव आत्माओं को सच्चा और शास्त्रअनुकुल ज्ञान समझाकर पूर्ण परमात्मा की जानकारी करा रहे हैं और काल ब्रह्म से भी हमें परिचित कराया।
यही वो सत्यपुरुष कबीर जी का स्वरुप है जिसने छ:दिन मे सृष्टि रची और सातवें दिन तख्त पर जा बैठा  ! 

"उत्तर प्रदेश पुलिस बफादार नहीं "

जय हिन्द   ! 
"आप बीती जिसका दर्द यू.पी.पुलिस नहीं समझती"
      शासन द्वारा प्रदत्त सुबिधाए ,एवं कल्याण हेतु जाे साशनादेश एवं आदेश अराजपत्तरित पुलिस हेतु निर्गत किए जाते हैं ,
उनका पालन नहीं हाेता जिस कारण पीडि़त पुलिस काे न ही सुबिधाए मिल पाती और न ही कल्याण हाे पाता   !
   और यह सिलसिला जब से पुलिस बिभाग का गठन हुआ तब से यह जारी है ,
पुलिस के ज्यादातर उच्चाधिकारी / आई.पी.एस. अराजपत्तरित पुलिस काे अपने  पैर के जूते की तरह इस्तेमाल करते हैं  ,
जब भी पीडि़त पुलिस के हक की बात हाेगी
   तानासाह उस  ब्यवस्था में बॉधा उत्पन्न कर देते हैं   !
हमारा कुछ गद्दार समाज भी है जाे न ही उत्पीड़न के किलाफ खडा़ हाे पाता , और जाे इनकी मदद के लिए खडा़ भी हाेता  उसका ये अपमान करते/मखाैल /दुष्प्रचार करते
ऐसे लाेगाें की बजह से भी पीडि़त पुलिस  का  दिनाें दिन उत्पीड़न बड़ता चला जा रहा  !

   मेरे प्रयास से तत्कालीन मुख्यमन्त्री श्री अखिलेश यादव द्वारा सबसे महत्वपूर्ण
म्रतक पुलिस काे सहीद का दर्जा दिया जिसमें
सहीद की पत्नी काे एवं मॉता,पिता काे आर्थिक सहयाेग का शासनादेस जारी किया
और एक एतिहासिक ब्यवस्था का निर्माण किया
,
उसके बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति का साशनादेश जारी किया ,

प्रमाेशन की पूरी प्रक्रिया ही बदल दी ,
AP के नाम पर वर्षाें पुलिस लाइन में सिपाही तैनात रहते थे वह भी बदल दी
और बहुत सारे पीडि़त पुलिस के पक्ष में शासनादेश ,आदेश निर्गत किए  !

हमें वर्तमान मुख्यमन्त्री श्री याेगी आदित्यनाथ जी का भी एहसान मानना चाहिए जिन्हाेंने
सहीद के आश्रिताें केा मिलने बाली आर्थिक मदद 25 लाख से बडा़कर 50 लाख कर दी  !

और प्रमाेशन प्रकि्या जाे पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लागू की गयी उसमें काेई बदलाव नहीं किया   !

मेरा मानना है कि पुलिस के लिए सबसे कष्टदायी शासन माननीया मायावती जी का रहा
जिसमें लगभग 20 हजार सिपाही इकट्ठे बर्खास्त कर दिए ,

और  श्री परसुराम कष्यप ,श्री रामलाल गाैड़, श्री  क्रष्णमुरारी पाल , आदि चतुर्थ श्रेणी पुलिस एसाेसिएशन ,के पदाधिकारी बर्खास्त किए गये  !
और उत्तर प्रदेश पुलिस एसाेसिएशन के  श्री सुबाेध यादव , श्री अबिनाश पाठक
बर्खास्त किए गये  , तथा श्री चन्द्रिका यादव काे 3 वर्ष तक न्यूनतम बेतन पर किया गया  !
हम सभी पदाधिकारियाें पर झूठे मुकद्दमें दर्ज हुए जिन्हैे हम सभी पीडि़त
लड़ रहे हैं   !
पर हम सब आप सबके सच्चे हितैसी हैं आप लाेग स्वीकार करें या न करें हम सभी लाेग आपके परिबार सहित सच्चे शुभचिन्तक हैं   !
   
          सुबाेध यादव अन्ना
                      अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश पुलिस एसाेसिएशन
        

यू.पी.पुलिस काे नसीहत

जय हिन्द  !
याद रखना क्रांति खुद के शरीर का ढांचा मांगती है सड़े गले सिस्टम के खिलाफ जब कोई बगाबत करता है तब पूरी व्यवस्था और समाज दुश्मन बनकर सामने खड़ा होताहै ...
                सुबाेध यादव अन्ना
                        संस्थापक
           उत्तर प्रदेश पुलिस एसाेसिएशन

21/01/2018


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